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PM Awas Yojana 2025 Scam: स्कॉर्पियो-ट्रैक्टर वालों को मिला आवास, गरीब रह गए बेघर!

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आजकल हर इंसान का सपना होता है कि उसका खुद का पक्का घर हो, लेकिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना PM Awas Yojana 2025 में जिस तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, उसे देखकर गरीब परिवारों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं। मुंगेर जिले के संग्रामपुर नगर पंचायत में ऐसा ही एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसने गरीब और जरूरतमंद लोगों के साथ हुई नाइंसाफी को उजागर किया है।

संग्रामपुर में बड़ा घोटाला, अपात्रों को मिला आवास

संग्रामपुर नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे लोगों को पक्का घर दे दिया गया, जिनके पास पहले से ही आलीशान मकान, स्कॉर्पियो, ट्रैक्टर और जमीन जैसी संपत्ति मौजूद है। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ लाभार्थी पहले ग्रामीण आवास योजना का फायदा उठा चुके थे, लेकिन नगर पंचायत बनने के बाद उन्हें दोबारा PM Awas Yojana 2025 के तहत लाभ दे दिया गया।

PM Awas Yojana 2025
PM Awas Yojana 2025

यह पूरा खेल नगर पंचायत के कुछ कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से हुआ। शिकायतें मिलने के बाद बकायदा जांच भी की गई और सच्चाई सामने आई, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक किसी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जिनका हक था, वे रह गए वंचित

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीब और बेघर परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। इसके लिए लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस सर्वे 2018 के आधार पर किया जाता है। लेकिन संग्रामपुर में इस नियम को ताक पर रख दिया गया।

नगर पंचायत के वार्ड संख्या-10 और वार्ड संख्या-12 में कई ऐसे लोगों को आवास दिया गया, जो पात्र नहीं थे। वहीं असली गरीब, जिनके पास न तो घर है और न ही संसाधन, वे अब भी प्रतीक्षा सूची में रह गए। यह न केवल योजनाओं की साख को गिराता है, बल्कि गरीबों के हक पर भी डाका डालता है।

बथान को घर बताकर किया गया घोटाला

नगर पंचायत क्षेत्र में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कई संपन्न परिवारों ने अपने पशुओं को बांधने वाली झोपड़ी (बथान) को घर दिखाकर प्रधानमंत्री आवास का लाभ ले लिया। इसके अलावा, कुछ ने मनरेगा से पशु शेड बनवाकर उसी पर प्रधानमंत्री आवास का निर्माण शुरू कर दिया।

वार्ड संख्या-10 में जनप्रतिनिधियों के नजदीकी रिश्तेदारों को प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिया गया। उनके पास पहले से ही पक्का मकान और गाड़ियां थीं, फिर भी उन्हें योजना का लाभ मिला। जांच में ऐसे दो दर्जन से ज्यादा मामलों का खुलासा हुआ, जिनमें पात्रता का नियम पूरी तरह से तोड़ा गया।

जांच हुई लेकिन कार्रवाई नहीं

इस पूरे घोटाले की शिकायत जब नगर पंचायत प्रशासन तक पहुंची तो जांच की गई। जांच में आरोप सही पाए गए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ इतना किया गया कि दूसरे किश्त की राशि का भुगतान रोक दिया गया। दोषियों पर जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने की बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

यह लापरवाही आने वाले समय में और भी बड़ी अनियमितताओं को जन्म दे सकती है। अगर जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी तो असली गरीब परिवार हमेशा की तरह योजनाओं से वंचित रह जाएंगे।

गरीबों के सपनों पर पानी

PM Awas Yojana 2025 का उद्देश्य था कि देश के हर गरीब परिवार का अपना पक्का घर हो। लेकिन जब अपात्र और संपन्न लोग इस योजना का लाभ उठाएंगे तो सच्चे जरूरतमंदों तक योजना कभी नहीं पहुंचेगी। एक तरफ प्रधानमंत्री और सरकार घर-घर आवास का सपना दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार और मिलीभगत उस सपने को तोड़ देती है।

PM Awas Yojana 2025
PM Awas Yojana 2025

आज भी हजारों गरीब परिवार अपने नाम की लिस्ट में आने का इंतजार कर रहे हैं। उनकी उम्मीदें इस घोटाले की वजह से और कमजोर हो गई हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक गरीब अपने हक के लिए ऐसे ही भटकते रहेंगे और कब तक योजना पर कब्जा जमाने वाले अमीर और रसूखदार लोग उसका लाभ उठाते रहेंगे?

निष्कर्ष

PM Awas Yojana 2025 में सामने आए इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि जब तक पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं होगी, तब तक गरीबों के सपने अधूरे ही रहेंगे। सरकार को चाहिए कि दोषियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि आने वाले समय में केवल पात्र लोगों को ही योजना का लाभ मिले।

Disclaimer :-इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध तथ्यों पर आधारित है। हमारा उद्देश्य केवल समाचार और जागरूकता फैलाना है। किसी भी प्रकार की अंतिम पुष्टि के लिए संबंधित विभाग या सरकारी पोर्टल की आधिकारिक जानकारी देखें।

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