क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह मुकाबला रोमांच और ड्रामे से भरपूर था। दिल्ली के मैदान पर हुए इस हाई-स्कोरिंग ODI में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 412 रन बनाए और भारत का पीछा करने का सपना टूट गया। इस मैच में सबसे बड़ा आकर्षण था भारत की स्टार बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना का Mandhana ton, जो ODI में भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज़ शतक साबित हुआ। हालांकि उनका शानदार प्रदर्शन टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था।
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और मैदान की परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए आक्रामक बल्लेबाज़ी की। अलीसा हीली ने शानदार शुरुआत करते हुए पहले ही ओवर में कुछ चौकों की मदद से रन बनाना शुरू किया। इसके बाद जॉर्जिया वोल और एलीज़ पेरी ने बल्लेबाज़ी के मायने ही बदल दिए। वोल ने महज 43 गेंदों में अपनी पहली ODI पचास रन की पारी खेली और पेरी ने भी जबरदस्त फॉर्म में रहकर तेज़ी से रन बटोरते रहे।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया की पारी का मुख्य आकर्षण था बेथ मूनी का तूफ़ानी शतक। मूनी ने 57 गेंदों में शतक जमाकर दुनिया के कुछ सबसे तेज़ WODI शतकों में अपना नाम दर्ज कराया। इस दौरान भारत के गेंदबाज़ कई मौकों पर गलतियाँ करते रहे, जिससे ऑस्ट्रेलिया का स्कोर लगातार बढ़ता गया। एशली गार्डनर ने भी अंत में तेज़ बल्लेबाज़ी करते हुए भारत की उम्मीदों को और चुनौती दी। ऑस्ट्रेलिया 48वें ओवर में 412 रन बनाकर ऑल आउट हुई, लेकिन उनके बल्लेबाज़ों ने भारत के सामने विशाल लक्ष्य छोड़ दिया।
भारत का पीछा शुरू हुआ और स्मृति मंधाना ने अपने खेल से सभी को चौंका दिया। उन्होंने पहले ही ओवरों में तीन लगातार चौके लगाकर मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। प्रातिका रावल जल्दी आउट हुईं, लेकिन मंधाना ने लगातार हिट करते हुए टीम को गति बनाए रखी। भारत ने सिर्फ पांचवें ओवर में ही 50 रन बना लिए। मंधाना ने महज 23 गेंदों में पचास रन पूरे किए।
इसके बाद Harmanpreet Kaur भी आक्रामक अंदाज में रन बनाने लगीं। भारत ने पावरप्ले के अंत तक 96/2 का स्कोर बना लिया। मंधाना ने 17वें ओवर में अपना Mandhana ton पूरा किया, जो किसी भारतीय महिला या पुरुष बल्लेबाज़ का ODI में सबसे तेज़ शतक था। उन्होंने यह शतक अलाना किंग की गेंद पर एक छक्के के साथ पूरा किया। उनके इस प्रदर्शन ने पूरी दुनिया को बता दिया कि अगर मंधाना फॉर्म में हों, तो कोई भी गेंदबाज़ उन्हें रोक नहीं सकता।
लेकिन दुर्भाग्यवश, भारत की उम्मीदें लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकीं। Harmanpreet और मंधाना के जल्दी आउट होने से टीम की रफ्तार थम गई। इसके बाद टीम को संभालने की कोशिश में Richa Ghosh जल्दी रन आउट हो गईं। भारत का मध्यक्रम दबाव में आया और Radha Yadav और Arundhati Reddy बिना कुछ खास योगदान के पवेलियन लौट गईं।
फिर भी Deepti Sharma और Sneh Rana ने हार नहीं मानी और 65 रन की साझेदारी कर टीम को थोड़ी उम्मीद दी। Deepti ने बेहतरीन पचास रन बनाए और भारत को अंतिम 10 ओवरों में 74 रनों की चुनौती तक पहुंचाया। लेकिन आख़िरी ओवरों में Deepti के आउट होने के बाद भारत की टीम 369 रन पर ऑल आउट हो गई। यह स्कोर शानदार था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के विशाल 412 रन के पीछे यह पर्याप्त नहीं था।
इस हार के बावजूद, स्मृति मंधाना का शतक और Deepti Sharma की पारी ने भारतीय महिला क्रिकेट की ताकत को दर्शाया। यह मैच दिखाता है कि भारतीय महिला क्रिकेट ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी टीम के लिए चुनौती पेश करने की क्षमता हासिल कर ली है। मंधाना का Mandhana ton भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
यह मैच केवल रन और विकेट की कहानी नहीं था, बल्कि यह भावनाओं, जुनून और खेल भावना का जीवंत उदाहरण था। क्रिकेट प्रेमियों ने इस मुकाबले को आख़िरी तक जीते दिल से देखा। हालांकि टीम हार गई, लेकिन युवा खिलाड़ियों के साहस और प्रतिभा ने सभी का दिल जीत लिया।
संक्षेप में, ऑस्ट्रेलिया ने 412 रन बनाकर भारत के सामने भारी लक्ष्य रखा। स्मृति मंधाना ने तेज़ शतक जमाया और Deepti Sharma ने भी उम्दा प्रदर्शन किया, लेकिन टीम 43 रनों से पिछड़ गई और सीरीज़ 2-1 से हार गई। यह मैच भारतीय महिला क्रिकेट के लिए प्रेरणा का स्रोत है और दर्शाता है कि खेल में कभी भी उम्मीद खोनी नहीं चाहिए।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और खेल रिपोर्ट के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सभी आंकड़े और घटनाएँ मैच के समय के अनुसार सही हैं, लेकिन भविष्य में अपडेट हो सकते हैं।
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