Zubeen Garg:- पूरे देश को शुक्रवार की शाम एक बेहद दुखद खबर ने झकझोर दिया। मशहूर गायक और अभिनेता ज़ुबिन गार्ग़ का निधन एक दुर्भाग्यपूर्ण स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में सिंगापुर में हो गया। उनकी उम्र महज 52 साल थी। असम में 90 के दशक में अपनी आवाज़ की खासियत और लोकप्रियता के कारण उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें ‘या अली’ जैसे हिट गानों के लिए जाना जाता है।
ज़ुबिन गार्ग़ के अचानक निधन ने उनके चाहने वालों को स्तब्ध कर दिया है। उनके निधन की खबर फैलते ही फैंस और संगीत प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। इस मुश्किल समय में उनकी पत्नी, गरिमा सइकिया गार्ग़, ने न सिर्फ़ भावनाओं को व्यक्त किया बल्कि सभी से शांति बनाए रखने और सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने की अपील की।
गरिमा गार्ग़ की भावनात्मक अपील
भारत टुडे नेपाल द्वारा साझा किए गए एक वीडियो संदेश में, गरिमा सइकिया गार्ग़ ने नेपली भाषा में अपने संदेश में कहा, “मैं सभी से अपील कर रही हूँ—ज़ुबिन अब घर आ रहे हैं। जब वे जीवित थे, आप सभी ने उन्हें प्रेम और आशीर्वादों से नवाज़ा, और ज़ुबिन ने भी आप सभी से स्नेह किया। मैं आशा करती हूँ कि उनके अंतिम संस्कार का क्रम शांति से संपन्न हो। पुलिस और राज्य प्रशासन हमारी पूरी मदद कर रहे हैं।”

उनकी अपील में गरिमा ने आगे कहा कि ज़ुबिन का शरीर वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है और सभी लोग उन्हें अंतिम बार देख सकेंगे। उनके साथ ही सिद्धार्थ, जो ज़ुबिन के परिवार के समान एक भाई की तरह रहे हैं, भी वापस आ रहे हैं। गरिमा ने सिद्धार्थ का उल्लेख करते हुए कहा कि 2020 में जब ज़ुबिन को एक गंभीर दौरा पड़ा था और उन्हें मुंबई के लिए इलाज के लिए ले जाना पड़ा था, तब सिद्धार्थ ने उनके लिए हर संभव सहायता की। COVID के दौरान, जब सभी चीज़ें बंद थीं, सिद्धार्थ ने खाना और आवश्यक सामग्री पहुंचाने में मदद की और ज़ुबिन को मुंबई से बस द्वारा वापस लाने का काम किया।
गरिमा ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि ज़ुबिन ने हमेशा सिद्धार्थ का समर्थन किया और अब वह अंतिम यात्रा में उनके साथ रहना चाहते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि सिद्धार्थ के खिलाफ दर्ज किसी भी FIR को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा, “ज़ुबिन के कई अधूरे कार्य हैं, और मैं उन्हें अकेले पूरा नहीं कर सकती। इसलिए मैं सभी FIRs वापस लेने की अपील करती हूँ।”
ज़ुबिन गार्ग़ का संगीत और सामाजिक योगदान
ज़ुबिन गार्ग़ केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि एक समाजसेवी और एक्टिविस्ट भी थे। वे संगीत और कला के माध्यम से अपने असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत की संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे। उनके निधन से न सिर्फ़ संगीत जगत बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व भारत की सांस्कृतिक धरोहर को गहरा झटका लगा है।
ज़ुबिन गार्ग़ सिंगापुर में एक तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लेने गए थे, जिसका उद्देश्य उत्तर-पूर्व भारत की संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना था। दुर्भाग्य से, उनके प्रदर्शन से ठीक पहले यह दुखद घटना घटी। इस कारण आयोजकों ने महोत्सव रद्द करने का निर्णय लिया। इस मामले में एक FIR भी दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ गरिमा ने शांति और समझदारी की अपील की है।
फैंस और जनता के लिए संदेश
गरिमा गार्ग़ का संदेश न सिर्फ़ शांति और सहयोग की अपील है, बल्कि यह ज़ुबिन के प्रति उनके और फैंस के प्रेम को भी दर्शाता है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि नकारात्मक विचारों को छोड़ दें और इस अंतिम यात्रा में उनका साथ दें। उनके शब्दों में परिवार, दोस्त और फैंस की अहमियत साफ़ झलकती है।

गरिमा का यह भावनात्मक संदेश यह भी दर्शाता है कि इस कठिन समय में परिवार और प्रियजनों का साथ कितनी बड़ी ताकत बन सकता है। उन्होंने फैंस को याद दिलाया कि ज़ुबिन का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।
निष्कर्ष
ज़ुबिन गार्ग़ का अचानक और दुखद निधन संगीत और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके चाहने वालों के लिए यह समय गहरा दुख और शोक लेकर आया है। गरिमा गार्ग़ की अपील से यह स्पष्ट है कि परिवार और प्रियजनों की शांति, सहयोग और प्यार के बिना इस दुखद समय को सहन करना मुश्किल होगा। उनका संदेश सभी के लिए यह प्रेरणा देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी सम्मान और समझदारी बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
इस कठिन समय में हम सभी ज़ुबिन गार्ग़ के परिवार के साथ हैं और उनके योगदान को याद करेंगे। उनकी आवाज़ और उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और भावनात्मक दृष्टिकोण को साझा करने के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी स्रोतों के आधार पर तैयार की गई है और इसका उद्देश्य किसी भी तरह के विवाद या कानूनी कार्रवाई को प्रभावित करना नहीं है।
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