असम और पूरे भारत ने आज एक बड़ा शोक मनाया। हमारे बीच एक ऐसा कलाकार चला गया, जिसने अपनी आवाज़ और कला से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। जी हां, हम बात कर रहे हैं Zubeen Garg की, जिनकी दुखद मृत्यु ने संगीत प्रेमियों को स्तब्ध कर दिया। असम के गुवाहाटी में उनके पार्थिव शरीर को सारुसाजई स्टेडियम में रखा गया, जहां हजारों लोग अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे।
Zubeen Garg सिर्फ एक गायक ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसा सांस्कृतिक प्रतीक थे जिन्होंने असम की कला और संस्कृति को पूरे देश में पहचान दिलाई। उनकी आवाज़ ने बॉलीवुड में भी एक अमिट छाप छोड़ी। ‘Ya Ali’ जैसे गीत के जरिए उन्होंने न केवल असम, बल्कि पूरे भारत में अपनी पहचान बनाई।
सारुसाजई स्टेडियम में अंतिम श्रद्धांजलि
रविवार को गुवाहाटी में अर्जुन भोघेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (सारुसाजई स्टेडियम) में Zubeen Garg के पार्थिव शरीर को रखा गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने फूलों की माला चढ़ाकर अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हमारे प्रिय Zubeen को दिल्ली एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि अर्पित की। सच कहूं तो उनकी मृत्यु अभी भी यकीन करने लायक नहीं है, यह सब एक बुरे सपने जैसा लगता है। सुरक्षित यात्रा करें, Zubeen! आप हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।”

फैन्स ने गुवाहाटी हवाई अड्डे की ओर चलकर अपने प्रिय गायक को अंतिम विदाई दी। शहर की सड़कों पर भारी भीड़ देखी गई, लोग अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उमड़ पड़े। कई लोगों ने कहा कि Zubeen Garg असम का आखिरी सांस्कृतिक प्रतीक थे, जिन्होंने अपने जीवन में संगीत की दुनिया में कई नए कीर्तिमान स्थापित किए।
Zubeen Garg की अद्वितीय यात्रा
Zubeen Garg ने अपनी कला और संगीत से न केवल असम, बल्कि पूरे भारत में अपनी पहचान बनाई। 52 वर्षीय कलाकार का निधन सिंगापुर में हुए एक दुखद स्कूबा डाइविंग हादसे में हुआ। उनके प्रशंसकों और फिल्म जगत के कई बड़े कलाकारों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं।
उनकी संगीत यात्रा बहुत ही प्रेरणादायक रही है। असम की पारंपरिक धुनों से लेकर बॉलीवुड तक, हर क्षेत्र में Zubeen ने अपनी अनूठी छवि बनाई। ‘Ya Ali’ गीत उनके करियर की सबसे यादगार उपलब्धियों में से एक था, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इसके साथ ही उन्होंने असम की लोक संस्कृति और संगीत को भी नयी ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
मुख्यमंत्री और सरकारी व्यवस्था
असम के मुख्य सचिव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि प्रशंसक सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक स्टेडियम में जाकर Zubeen Garg को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की घोषणा की और जनता से सहयोग की अपील की।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि Zubeen Garg के अंतिम संस्कार में सभी को सुरक्षित और सम्मानजनक ढंग से श्रद्धांजलि अर्पित करने की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और अन्य अधिकारियों ने भी सुनिश्चित किया कि Zubeen Garg को देश और राज्य के लिए उनकी अमूल्य सेवाओं के लिए उचित सम्मान दिया जाए।
Zubeen Garg का संगीत और विरासत
Zubeen Garg का योगदान सिर्फ गायकी तक सीमित नहीं था। वह एक संगीतकार, फिल्म निर्माता और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी थे। उनकी आवाज़ ने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया और उनकी यादें हमेशा लोगों के साथ रहेंगी। असम और भारत के संगीत प्रेमियों के लिए उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है।
उनकी कला और आवाज़ ने यह साबित कर दिया कि सच्चा कलाकार हमेशा जीवित रहता है, भले ही वह शारीरिक रूप से हमारे बीच न हो। Zubeen Garg ने असम की संस्कृति और संगीत को एक नई पहचान दी और उनकी याद हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेगी।
भावपूर्ण विदाई और जनता का प्यार
गुवाहाटी की सड़कों पर भारी भीड़, स्टेडियम में लगी श्रद्धांजलि देने वालों की कतारें और सोशल मीडिया पर साझा की गईं यादें – ये सब दर्शाते हैं कि Zubeen Garg सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि असम और भारत के सांस्कृतिक जीवन का हिस्सा थे। उनकी विदाई हर किसी के लिए भावनात्मक क्षण रही, जिसमें देश के लोग अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कर रहे थे।
उनकी यादें, गीत और उनकी कला हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। Zubeen Garg ने यह दिखा दिया कि एक कलाकार की असली पहचान उसकी कला और उसके योगदान में होती है, और यही चीज़ उन्हें हर दिल के करीब बनाती है।
Disclaimer: यह लेख समाचार और सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारियाँ विश्वसनीय स्रोतों से ली गई हैं, लेकिन लेखक या प्रकाशक इसकी पूर्ण सटीकता की गारंटी नहीं देता।
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