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Zubeen Garg की जिंदगी और करियर: असम से बॉलीवुड तक, 38,000 गानों का जादू!

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भारतीय संगीत जगत ने हमेशा से ही अपनी कई प्रतिभाओं को देखा है, लेकिन कुछ कलाकार ऐसे होते हैं, जिनकी आवाज़ और व्यक्तित्व लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बस जाते हैं। ऐसे ही एक कलाकार थे Zubeen Garg, जिनकी मधुर आवाज़ और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें सिर्फ असम ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में लोकप्रिय बना दिया। Zubeen Garg ने न केवल असमिया संगीत को राष्ट्रीय मंच पर पहुँचाया, बल्कि अपने जीवन और करियर से लोगों को प्रेरित भी किया। उनकी अचानक मौत ने संगीत प्रेमियों के दिलों को तोड़ दिया और भारतीय संगीत इतिहास में एक युग का अंत कर दिया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Zubeen Garg का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय के तुरा में हुआ था। उनके पिता मोहिनी मोहन बोर्थकुर एक कवि और सिविल सेवा अधिकारी थे, जबकि उनकी मां इली बोर्थकुर खुद एक गायक थीं। उनके नाम की प्रेरणा मशहूर कंडक्टर जुबिन मेहता से मिली थी। बचपन में पिता के ट्रांसफर के कारण ज़ुबीन असम के विभिन्न हिस्सों में बड़े हुए।

Zubeen Garg
Zubeen Garg

ज़ुबीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कारिमगंज के कारमेल स्कूल और जे.बी. कॉलेज, जोरहाट में प्राप्त की। बाद में उन्होंने गुवाहाटी के बी. बरोआ कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन संगीत के प्रति अपने जुनून के चलते उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।

संगीत के क्षेत्र में आरंभिक करियर

ज़ुबीन की संगीत यात्रा बेहद कम उम्र से शुरू हुई। उनकी मां ने उन्हें केवल तीन साल की उम्र में गाना सिखाना शुरू किया। बाद में उन्होंने पंडित रॉबिन बनर्जी से तबला की शिक्षा प्राप्त की और गुरु रामानी राय से असमिया लोकगीतों की परंपरा सीखी।

1992 में उनका पहला असमिया एल्बम “अनामिका” रिलीज़ हुआ, जिसने उन्हें असम में घर-घर पहचान दिलाई। इसके बाद उनके कई हिट एल्बम जैसे Xopunor Xur, Junaki Mon, Maya और Asha ने उन्हें असमिया संगीत जगत का एक प्रमुख चेहरा बना दिया। Bihu एल्बम Ujan Piriti के माध्यम से उनकी लोकप्रियता पूरे असम में फैल गई।

बॉलीवुड में सफलता

मिड-1990 के दशक में ज़ुबीन ने मुंबई का रुख किया ताकि बॉलीवुड में अपनी प्रतिभा को और बढ़ाया जा सके। 1996 में उनका पहला हिंदी पॉप एल्बम Chandni Raat रिलीज़ हुआ। इसके बाद उन्होंने Shradhaanjali, Jalwa, Yuhi Kabhi, Jadoo और Sparsh जैसे कई हिंदी एल्बम दिए।

ज़ुबीन ने हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा। उन्होंने Gaddaar, Dil Se, Fiza और Kaante जैसी फिल्मों में गाने गाए। 2006 में फिल्म Gangster: A Love Story का गीत “Ya Ali” ने उन्हें पूरे भारत में पहचान दिलाई और उन्हें GIFA Award for Best Playback Singer से नवाज़ा गया।

Zubeen Garg
Zubeen Garg

इसके अलावा, उन्होंने बंगाली फिल्मों में भी संगीत निर्देशन और गायन किया। उनकी बहुभाषी प्रतिभा ने उन्हें 40 से अधिक भाषाओं और बोलियों में गाने का अवसर दिया, जिनमें हिंदी, असमिया, बंगाली, नेपाली, तमिल, तेलुगु और भोजपुरी शामिल हैं।

अभिनय और निर्देशन

सिर्फ गायक ही नहीं, बल्कि ज़ुबीन एक अभिनेता और निर्देशक भी थे। उनकी पहली फिल्म Tumi Mor Matho Mor में उन्होंने अभिनय और निर्देशन दोनों किया। उन्होंने Dinabandhu, Mon Jaai, Kanchanjangha और Dr. Bezbaruah 2 जैसी फिल्मों में अभिनय किया।

ज़ुबीन की फिल्में अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को छूती थीं। उदाहरण के तौर पर, फिल्म Kanchanjangha में उन्होंने भ्रष्टाचार और सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

व्यक्तिगत जीवन

ज़ुबीन ने 2002 में फैशन डिज़ाइनर गरिमा सैकिया से विवाह किया। अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाने वाले ज़ुबीन अक्सर सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर खुलकर बोलते थे। वह खुद को अधार्मिक मानते थे और मानवता में विश्वास रखते थे।

उन्होंने कलागुरु आर्टिस्ट फाउंडेशन भी चलाया, जो बाढ़ पीड़ितों और जरूरतमंदों की मदद करता था। COVID-19 महामारी के दौरान उन्होंने अपने घर को COVID केयर सेंटर के रूप में उपलब्ध कराया।

Zubeen Garg की उम्र और उपलब्धियां

Zubeen Garg की उम्र 2025 में निधन के समय 52 वर्ष थी। अपने तीन दशक लंबे करियर में उन्होंने 38,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए, जिससे वह भारतीय संगीत इतिहास के सबसे प्रख्यात गायकों में से एक बन गए।

मृत्यु और विरासत

19 सितंबर 2025 को ज़ुबीन का निधन सिंगापुर में हुआ। वह तैराकी करते समय लाइफ जैकेट के बिना थे और उन्हें सिंगापुर जनरल अस्पताल में मृत घोषित किया गया। असम सरकार ने उनकी स्मृति में 21 गन सैल्यूट के साथ राज्य अंत्येष्टि और सम्मान प्रदान किया।

उनकी इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनका गीत “Mayabini Raatir Bukut” बजाया जाए, और यह असम में उनके प्रशंसकों द्वारा पूरा किया गया। असम सरकार ने गुवाहाटी और जोरहाट में उनके सम्मान में स्मारक बनाने की घोषणा की।

Zubeen Garg आज भी असमिया संगीत के प्रतीक हैं। उनकी मधुर आवाज़ और सामाजिक योगदान लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना और शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और समाचारों पर आधारित है।

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